आदर्श शिक्षक व आदर्श विद्यार्थी की योग्यताएँ (गुण)

आदर्श शिक्षक व आदर्श विद्यार्थी की योग्यताएँ (गुण) आदर्श विद्यार्थी की योग्यताएँ - वेदों में कहा गया है- “तद्विद्द्यी प्राणिपातेना परिप्रश्नेन सेवायाः” अर्थात् आदर्श विद्यार्थी की तीन योग्यताएँ होती हैं- 1. प्राणिपात 2. परिप्रश्न 3. सेवायाः · प्राणिपात - आदर्श विद्यार्थी की पहली विशेषता होती है समर्पण और दिमाग का खुलापन। एक विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई के प्रति पूर्णरूपेण समर्पित रहना चाहिए। साथ ही शिक्षण-अधिगम (अध्ययन-अध्यापन) के समय अपने दिमाग को खुला रखना चाहिए। अपना पूरा ध्यान अपने अध्ययन विषय पर ही होना चाहिए। · परिप्रश्न - आदर्श विद्यार्थी की दूसरी योग्यता है- अपने शिक्षक के ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछना। किसी विषय से संबन्धित प्रश्न पूछना तभी संभव हो सकता है जब उस उस विद्यार्थी का ध्यान अध्ययन विषय पर ही हो। · सेवा - एक विद्यार्थी को अपने शिक्षक , संगठन या संस्थ...