जैसा कि आप सभी जानते
होंगे कि जिस तरह से हमारे स्वतंत्र भारत देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति
स्वर्गीय श्री डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती (5 सितंबर) को राष्ट्रीय शिक्षक
दिवस के रूप में मनाया जाता हैं, उसी तरह से विश्व (अंतर्राष्ट्रीय) स्तर पर 5 अक्टूबर
को विश्व शिक्षक दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन कार्यरत एवं सेवानिवृत शिक्षक बंधुओं को
उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। और शिक्षकों की स्थिति के सुधार के
लिए प्रयास किए जाते हैं।
5 अक्टूबर को ही क्यूँ मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक
दिवस ?
संयुक्त राष्ट्र (UN)
के द्वारा साल 1966 में 5 अक्टूबर को युनेस्को (UNESCO) और अंतर्राष्ट्रीय
श्रम संगठन (ILO) की संयुक्त बैठक आयोजित की गयी थी और उस बैठक में
शिक्षकों की स्थिति पर चर्चा हुई थी। उसी बैठक की यादगार को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक
दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस साल 1994 में मनाया
गया, इस तरह आज 5 अक्टूबर 2022 को यह 28 वां अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस है।
लेकिन आज भी शिक्षकों की स्थिति
पर चर्चा ही होती है, कोई सुधार के प्रयास तो चर्चाओं और बैठकों तक ही सीमित
रहते है।
कैसे सुधर सकती है शिक्षकों की स्थिति ?
आर्थिक स्थिति- शिक्षकों की
आर्थिक स्थिति तभी सुधार सकती है, जब वे इसके बारे में वे खुद सोचे और गंभीरता के साथ
इस मुद्दे का हल ढूँढे । आज के युग में दूसरों पर निर्भर रहना मूर्खता है। जैसा कि
हमारे देश की सरकार ने GDP में गिरावट लाकर आत्मनिर्भरता (Self Dependence ) के विचार प्रकट कर दिये हैं। आपके लिए यहीं बेहतर होगा कि आप
आत्मनिर्भरता को यथाशीघ्र स्वीकार कर ले। यदि यह बात कड़वी लगी हो तो समझ लीजिये यहीं
आपके लिए सच्चाई है।
सामाजिक स्थिति- समय के साथ
मुझे भी यह बात समझ में आयी कि समाज मनुष्य के जीवन का अभिन्न हिस्सा है,
सिर्फ अपने काम से तालुकात रखना ही जीवन नहीं है, समाज के लिए भी कुछ करना मनुष्य
का परम कर्तव्य है। लेकिन अपवादस्वरूप हर समाज में असामाजिक तत्व (Anti Social Elements) होते हैं। उनकी बातों में आकर कोई समाज विरोधी कार्य करने से बेहतर
होगा कि आप कुछ भी न करे। सभी शिक्षक बंधु विद्वान है,
इसलिए इस विषय पर उन्हे ज्यादा बताने की आवश्यकता नहीं हैं। अगर वे ठान ले तो असामाजिक
तत्व भी पैदा नहीं होंगे। यदि आप इतना भी प्रयास कर ले तो आपकी सामाजिक स्थिति अपने
आप ही बेहतर हो जाएगी। समाज को शिक्षित करने वाले भी आप ही है।
एक बार पुनः सभी शिक्षक बंधुओं
को मेरा सादर प्रणाम। पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद। किसी प्रकार की
त्रुटि एवं कमी से संबन्धित आपके सुझाव कमेन्ट बॉक्स में सादर आमंत्रित हैं।