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दीपावली मनाने के पीछे कारण (Reasons behind celebrating Deepawali)

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दीपावली मनाने के पीछे कारण (Reasons behind celebrating Deepawali)

Reasons Behind Celebrating Deepawali (दीपावली मनाने के पीछे कारण)


प्रिय पाठकों, आप सभी का इस ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत हैं । साथ में दीपावली के पावन पर्व की आप सभी को हमारी तरफ से खूब खूब बधाई एवं शुभकामनाए ।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि आखिर हम दीपावली क्यूँ मनाते हैं? दीपावली मनाने के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं?

दीपावली-

दीपावली को दीप पर्व या दीपों का त्योहार (Festival of Lights ) भी कहा जाता हैं। दीपावली शब्द की उत्पति संस्कृत भाषा के दो शब्दों दीप और आवली शब्दों के मिश्रण से हुई हैं । दीप का अर्थ हैं – दीया तथा आवली शब्द का अर्थ हैं – कतार या श्रंख्ला ।
यानि दीपावली का अर्थ हुआ- दीपों की कतार ।

दीपावली (दीवाली ) शरद ऋतु के आगमन के समय मनाए जाने वाला एक प्राचीन हिन्दू त्योहार हैं। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता हैं । अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह अक्टूबर या नवंबर महीने में आता है। इस त्योहार के आगमन पर सभी लोग अपने घरों में साफ सफाई करते हैं। नए-नए परिधान पहनते हैं। मीठे पकवान बनाते हैं। एक- दूसरे को स्नेह भाव देते हैं।
लेकिन हमे यह पता नहीं होता हैं कि आखिर दीपावली मनाने के पीछे क्या-क्या कारण हैं ? हम दीपावली क्यूँ मनाते हैं? इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हुए हैं, जिन्हें हमें अवश्य जानना चाहिए।

 

दीपावली मनाने के पीछे धार्मिक कारण (Religious view behind celebrating Deepawali)

1. कहा जाता हैं कि जब भगवान श्री राम 14 साल के वनवास के बाद वापस अयौध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने अपने राजा श्री राम के आगमन के खुशी में पूरे नगर में दीप जलाकर उनका स्वागत किया। तब से दीपावली मनाई जाती हैं।

2. दूसरी मान्यता के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वाढ करके अपनी प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई, तो द्वारिका कि प्रजा ने दीप जलाकर भगवान श्री कृष्ण को धन्यवाद ज्ञापित किया।

3. एक अन्य धारणा के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ, तब धन्वंतरि और धन की देवी माँ लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर उनका स्वागत हुआ। तभी से दीपावली मनाई जाती हैं।

4. जैन धर्म के अनुसार- जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर इसी दिन बिहार के पावापुरी में अपना शरीर त्याग दिया था। तब से ही उनकी याद में दीप जलाया जाता हैं।

5. बौद्ध धर्म के अनुसार- बोद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान गौतम बुद्ध जब 17 साल बाद अनुयायियों के साथ अपने गृह नगर कपिल वस्तु लौटे तो लाखो दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया।

6. सिख धर्म के अनुसार- अमृतसर (पंजाब ) में 1577 ईस्वी में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था । और, इसके अलावा 1618 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को बादशाह जहांगीर की कैद से जेल से रिहा किया गया था।

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दीपावली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण (Scientific reason behind celebrating Deepawali)

1स्वच्छता (साफ-सफाई )-

धार्मिक मान्यता के अनुसार लक्ष्मीपूजन और उनके स्वागत के लिए घर साफ सूथरा होना चाहिए । साफ- सफाई वाले स्थान पर ही माता लक्ष्मी का आगमन होता हैं। लेकिन इसके पीछे यह वैज्ञानिक मत है कि शरद ऋतु के आगमन से पहले गर्मी और बारिश का मौसम गुजर चुका होता हियन। गर्मी में तेज हवाओं और आंधीयों के चलते घर में धूल और गंदगी जमा हो जाती हैं।

बारिश के कारण घर का रंग-रोगन उतर जाता हैं। ऐसे में बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती हैं। तो साफ सफाई से कीट- पतंगों को भगा दिया जाता हैं। और रंग- रोगन में प्रयुक्त चूने और डिस्टेम्पर में उपस्थित कैल्सियम हाइड्रोक्साइड [Ca(OH)2] कीटों व पतंगों को नष्ट केआर देता है, जिससे कि आगामी साल-भर के लिए कीट-पतंगे नष्ट हो जाये।

2. आँगन में गोबर लीपने का वैज्ञानिक कारण-

दीपावली से 2 दिन पहले आँगन को गोबर से लीपा जाता हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार गोबर में एंटि-बैक्टीरियल का गुण पाया जाता हैं । आँगन को गोबर से लीपने के बाद सारे जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जिससे कि जीवाणु-जनित बीमारियाँ होने कि संभावना कम हो जाती हैं।

3. दीप जलाने के कारण-

दीप जलाने के पीछे विभिन्न धार्मिक कारण हो सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिक कारण यह है कि तेल व घी के दीये जलाने से कीट-पतंगे इससे आकर्षित होकर इसके धुएँ से मर जाते हैं । जिससे कीट – पतंगों से होने वाली बीमारियाँ अब नही होती हैं। इसके पीछे दूसरा वैज्ञानिक कारण यह भी हैं कि घी व तेल के दीये जलाने से ऑक्सीज़न (O2) गैस उत्पन्न होती हैं, जो कि हमारे श्वसन क्रिया के लिए आवश्यक होती हैं।

4. मिष्टान्न बनाने का कारण-

त्योहार पर मिष्टान्न बनाने के लिए घी का प्रयोग होता हैं । शुद्ध घी युक्त मिष्टान्न के सेवन से हमारे शरीर कि पाचन शक्ति बढ़ती हैं । शुद्द घी भोजन के पाचन में सहायक होता है, और इसमे उपस्थित वसा हमारे शरीर के लाभदायक होती है।

हमें अपने त्यौहारों के धार्मिक व वैज्ञानिक कारण जानने चाहिए, जिससे कि हम मोमबत्ती और प्रकाश की कृत्रिम सजावट करने से बचें और मिट्टी के दीये खरीदकर घी व तेल के दीये जलाए। बाज़ार कि मिठाइयों की बजाय घर पर ही शुद्ध घी कि मिठाइयाँ बनाए।
हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। दीपावली के इस पावन महोत्सव से हमें कुमार्ग से सदमार्ग की ओर तथा अंधकार से प्रकाश की ओर प्रेरणा मिलती है। दीपावली (प्रकाश), असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक हैं।

आपने इस पोस्ट में पढ़ा कि, दीपावली का त्योहार कब मनाते हैं, हम दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने के धार्मिक कारण, दीपावली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण। अगर कोई जानकारी छूट गयी है, तो हम क्षमा प्राथी हैं।


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